चूंकि करण की शुरुआत स्थिर करण किंस्तुघ्न से होती है जब भचक्र में सूर्य और चंद्र का राश्यंतर शून्य होता है तब प्रतिपदा तिथि के साथ ही स्थिर करण किंस्तुघ्न शुरू होता है।
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चूंकि करण की शुरुआत स्थिर करण किंस्तुघ्न से होती है जब भचक्र में सूर्य और चंद्र का राश्यंतर शून्य होता है तब प्रतिपदा तिथि के साथ ही स्थिर करण किंस्तुघ्न शुरू होता है।